फतहप्रकाश महल के दक्षिण-पश्चिम में सड़क पर ही, ग्याहरवी शताब्दी में बना एक भव्य जैिन मन्दिर है जिसमें 27 देवरियाँ होने के कारण यह 'सतबीस देवरी' कहलाता है। मन्दिर के अन्दर की गुम्बजनुमा छत व खम्भों पर की गयी खुदाई हमें दिलवाड़ा जैन मन्दिर (माउन्ट आबू) की याद दिलाती है। यहाँ की वर्तमान व्यवस्था बड़ी सुन्दर है तथा जैन साधु व साध्वियों के ठहरने का उचित प्रबन्ध है।
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